प्रवास किसे कहते है। pravas kise kahate hain – इस लेख में हमलोग मानव प्रवास के बारे में चर्चा करेंगें। जब किसी कारण बस व्यक्ति अपने पूर्व निवास स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाकर बसने की प्रक्रिया को प्रवास कहा जाता है। इसमें कुछ दुरी तय करना तथा निवास स्थान में परिवर्तन प्रमुख प्रक्रिया होता है।
जन्म दर और मृत्यु दर के अतिरिक्त एक और कारक या घटक है। जो जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करता है। जिसे प्रवास कहा जाता है।
लोगों के आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक,राजनैतिक या, अन्य कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसना, या निवास करना प्रवास कहलाता है। इसमें निवास स्थान में परिवर्तन होना मुख्या कारक होता है। इसमें ‘सरकुलेशन'(Crculation), ‘कम्यूटिंग'(Cummuting ) और ‘ट्रांसह्यूमेन्स'(Trans-humence) को शामिल नहीं किया जाता है। क्योकि इन तीनो क्रियाओ में लोगो के निवास स्थान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
सर्कुलेशन
इसका संबंध किसी गाँव या शहर में, किसी कार्य के लिए क्षणिक समय के लिए इस गली से उस गली, मोहल्ले के जाना और शाम तक अपने निवास स्थल में वापस आ जाना सर्कुलेशन कहलाता है।
कम्यूटिंग
इसका का संबंध व्यक्ति अपने कार्य के लिए कार्यालय जाता है, बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय, महाविद्यालय जाते है, और मजदूर अपना कार्य के लिए शहर या अन्य जगह जाते है। और शाम तक वापस अपने निवास स्थान तक पहुँच जाते है इसको भी प्रवास के अंतर्गत नहीं रखा जाता है।
ट्रांसह्यूमेन्स
इसमे में लोग अपने पशुओ के समूह के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान आते-जाते है। पशुओ को चराने के लिए, पर्वतो के ऊपर निचे स्थनांतरित होते रहते है। इसी को ट्रांसह्यूमेन्स कहा जाता है।
जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है। तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते है उदगम स्थान कहलाता है। और जिस स्थान में आगमन करते है वह गंतव्य स्थान कहलाता है। उदगम स्थान जनसंख्या में कमी को दर्शाता है। जबकि गंतव्य स्थान पर जनसंख्या बढ़ जाती है।
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प्रवास का वर्गीकरण
प्रवास का वर्गीकरण कई प्रकार से किया जाता है।जो निम्न इस प्रकार है।
कारण के आधार पर
- आर्थिक कारण से।
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारण से।
- राजनैतिक कारण से।
दूरी के आधार पर
- लम्बी दूरी।
- लघु दूरी।
समय के आधार पर
- स्थाई।
- अस्थाई।
- मौसमी।
दिशा के आधार पर
- उत्प्रवास।
- अप्रवास।
निवास स्थान के आधार पर
- बाह्य (अंतर्राष्ट्रीय) प्रवास।
- आंतरिक प्रवास।
- गाँव से गाँव।
- नगर से नगर।
- गाँव से नगर।
- नगर से गाँव।
प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक
प्रवास को जितने भी कारक प्रभावित करते है उन सभी कारको को दो वर्गो में रखा जाता है। अपकर्ष (Pull) कारक और प्रतिकर्ष (Push) कारक।
अपकर्ष कारक
इसके अंतर्गत उन सभी कारणों को शामिल किया जाता है। जो लोगो को अपनी ओर खींचता या आकर्षित करता है। उस जगह पर ऐसी सुविधाएँ विकसित हो जाती है कि, लोग अपने आप उस स्थान की ओर खींचे चले आते है। जैसे चुंबक लोहे के बुरादे को अपनी ओर खींचता है। इन सुविधाओं में रोजगार के अवसर उपलब्ध होना, रहन सहन की अच्छी दशाएँ, जीवन सम्पति की सुरक्षा, अनुकूल जलवायु, मनोरंजन, शिक्षा, स्वस्थ्य, परिवहन एवं संचार इत्यादि की सुविधाएँ।
प्रतिकर्ष कारक
प्रतिकर्ष कारक के अंतर्गत उन सभी कारणों को शामिल किया जाता है। जो लोगो को अपने निवास स्थल को छोड़ने के लिए विवस करता है। लोगो को न चाहते हुए भी अपने निवास स्थान को छोड़ना पड़ता है। जैसे :-बेरोजगारी की समस्या, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का आभाव, महामारी, रहन-सहन का निम्न स्तर, प्रतिकूल जलवायु , जीवन और सम्पति के सुरक्षा का आभाव, परिवहन और संचार की सुविधाओं का आभाव, क्षेत्र में सालो-साल से युद्ध का प्रभाव इत्यादि।
प्रवास के परिणाम
जब कोई व्यक्ति प्रवास करता है, तो वह अपने उद्गम तथा गंतव्य दोनों स्थानों को प्रभावित करता है। जो कई प्रकार के होते है।
- आर्थिक परिणाम
- जनांकिकीय परिणाम
- सामाजिक परिणाम
- पर्यावरणीय परिणाम
- राजनैतिक परिणाम
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