लिंगानुपात का प्रदर्शन।

लिंगानुपात क्या है ?

इस लेख में हमलोग जानेगे कि लिंगानुपात किसको कहते है ? लिंगानुपात क्या है ? इसको अध्ययन करने का पीछे क्या उद्देश्य होता है ? इसका मापन या निर्धारण कैसे किया जाता है ? लिंगानुपात कितने प्रकार के होते है ? इसको प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक है ? इन्ही सभी प्रश्नो का उत्तर अगले कुछ मिनटों में जानने का प्रयास करेंगें।

लिंगानुपात का प्रदर्शन।
लिंगानुपात

लिंगानुपात क्या है? लिंगानुपात किसे कहा जाता है ?

जनसंख्या संघटन का महत्वपूर्ण कड़ी लिंगानुपात है। समान्य भाषा में कहे तो “पुरुष और स्त्री के अनुपात को लिंगानुपात कहते है।” दूसरे शब्दों अगर पुरुष को आधार बनाकर परिभाषित किया जय तो इसका परिभाषा “किसी क्षेत्र में प्रतिहजार पुरुषो की संख्या पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।” कुछ देशो में प्रति सैकड़ा परुषो पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। जैसे :- न्यूजीलैंड।

कुछ देशो में स्त्री को आधार बनाकर लिंगानुपात निकाला जाता है। जैसे :- अमेरिका में। अगर स्त्री को आधार बनाकर लिंगानुपात को परिभाषित किया जय तो इसका परिभाषा इस प्रकार होता है। “किसी क्षेत्र में प्रतिहजार स्त्रियों पर पुरुषो की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। “

वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा ” किसी क्षेत्र में प्रति 100 स्त्रियों की संख्या पर पुरुषो की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।”

अध्यय का क्या उद्देश्य है ?

किसी भी क्षेत्र के पुरुष एवं स्त्री, जनसंख्या के प्रमुख एवं महत्वपूर्ण विशेषता होती है। और किसी क्षेत्र के विकास में दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। दोनों के संतुलित विकास होना बहुत जरूरी होता है।

लिंगानुपात क्या है? के अध्ययन करने से हमे स्त्री और पुरुष के विषय में वास्तविक जानकारी प्राप्त होती है। स्त्री और पुरुष के तुलनात्मक अध्ययन करने से इनके संख्यिकीय, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक स्थिति की जानकारी प्राप्त होती है। तथा इन्ही आंकड़ों कि सहायता से इनके लिए अलग अलग क्षेत्रो में अलग-अलग योजनाएँ बनाई जाती है। जिससे इनका पूर्ण एवं संतुलित विकास हो सके। और क्षेत्र का विकास हो सके।

किसी देश में लिंग अनुपात से स्त्रियों की स्थिति के बारे में महत्वपर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती है जैसे:- पुरुषो के अपेक्षा स्त्रियों की संख्या क्या है ? स्त्रियों की साक्षरता दर, व्यवसयिक संरचना, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति इत्यादि।

लिंगानुपात कैसे ज्ञात करते है ?

जिस तरह से लिंग अनुपात के परिभाषा को पुरुष और स्त्री को आधार बनाकर किया जाता है, उसी प्रकार से इसे ज्ञात करने के लिए पुरुष और स्त्री को आधार बनाकर अलग-अलग देश लिंग अनुपात ज्ञात करते है।

  • अगर पुरुष को आधार बनाया जाय तो लिंगानुपात निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात करेंगें।

लिंगानुपात = (स्त्रियों की संख्या / पुरुषो की संख्या) * 1000

जहां * = गुना है।

भारत में इसी आधार पर लिंग अनुपात निकला जाता है।

  • प्रतिहजार स्त्री की संख्या को आधार बनाकर पुरुषो की संख्या निम्न सूत्र की सहायता से लिंग अनुपात ज्ञात करते है।

लिंगानुपात = (पुरुषो की संख्या / स्त्रियों की संख्या) * 1000

जहां * =गुना है।

  • रूस में लिंग अनुपात को स्त्री और पुरुष के प्रतिशत (%) के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसे प्रतिशत निकले वाले सूत्र की सहायता से निकलते है।

पुरुष जनसंख्या प्रतिशत = ( पुरुषो की जनसंख्या / कुल जनसंख्या )*100

स्त्री जनसंख्या प्रतिशत = ( स्त्रियों की जनसंख्या / कुल जनसंख्या )*100

  • न्यूजीलैंड में प्रति 1000 के जगह प्रति 100 पुरुषो की संख्या पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसे निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात करने है।

लिंगानुपात = ( स्त्रियों की संख्या / पुरुषो की संख्या )* 100

  • संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रति 100 स्त्रियों की संख्या पर पुरुषो की संख्या ज्ञात किया जाता है। इसे निम्न सूत्र से प्राप्त करते है।

लिंगानुपात = (पुरुषो की संख्या / स्त्रियों की संख्या)*100

इस तरह से देखते है की लिंगानुपात अलग- अलग देशो में अलग-अलग तरह से निकला जाता है।

लिंगानुपात के प्रकार

इसे तीन भागो में विभाजित किया जा सकता है।

विश्व लिंगानुपात के प्रकार
विश्व लिंगानुपात के प्रकार

1. अनुकूल लिंगानुपात

किसी क्षेत्र में अगर स्त्रियों की संख्या, पुरुषो की संख्या से अधिक होता है तो इसे अनुकूल लिंगानुपात कहते है। अधिकांश विकसित देशो में अनुकूल लिंग अनुपात पाया जाता है। कियोकि वहां पर स्त्री और पुरुष भेद-भाव नहीं के बराबर देखा जाता है। दोनों को समान रूप से विकसित होने के लिया ध्यान दिया जाता है।

2. प्रतिकूल लिंगानुपात

किसी क्षेत्र में अगर स्त्रियों की संख्या पुरुषो की संख्या से कम हो तो इसे प्रतिकूल लिंगानुपात कहते है। इसके पीछे मुख्य कारण स्त्री और पुरुष में भेद-भाव अधिक होता है। पुरुषो को स्त्रियों के तुलना में अधिक महत्व दिया जाता है। ज़्यदातर विकासशील देशो में ऐसा देखा जाता है।

3. संतुलित लिंगानुपात

इस स्थिति में स्त्री और पुरुष की संख्या लगभग बराबर होती है। ऐसे क्षेत्रो में जन्मदर और मृत्युदर बराबर और उच्च होता है। प्राकृतिक दृष्टि से पुरुषो का जन्म , स्त्रियों के जन्म से अधिक होता है। और मृत्युदर में भी परुषो की मृत्युदर , स्त्रियों के मृत्युदर से अधिक होती है। जिससे लिंगानुपात संतुलन में बना रहता है। प्रकृति के ज़्यदा नजदीक रहने वाले क्षेत्रो या पिछड़े क्षेत्रो ऐसी स्थिति पाई जाती है।

लिंगानुपात को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन है।

कई ऐसे कारक है जो लिंगानुपात को प्रभावित करते है। उनमे से कुछ महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित है।

1. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक

जिन क्षेत्रो या देशो में सामाजिक एवं सांस्कृतिक रीती-रिवाजो के कारण से स्त्री के अपेक्षा पुरुषो को अधिक महत्व दिया जाता है। जहां पर पुरुष प्रधान समाज के कारण स्त्री तथा पुरुष में भेद-भाव किया जाता है। वहां पर लिंगानुपात प्रतिकूल पाया जाता है। क्योकि इस स्थिति में स्त्री भ्रूण हत्या, स्त्री शिशु हत्या, स्त्रियों के प्रति घरेलु हिंसा के कारण हत्या इत्यादि। जिसके कारण स्त्रियों की संख्या पुरुषो के तुलना में कम हो जाती है।

ठीक इसके विपरीत जिन क्षेत्रो में स्त्री और पुरुषो में भेद-भाव नहीं किया जाता है वहां लिंग अनुपात अनुकूल पाया जाता है।

2. आर्थिक कारक

समान्य रूप से देखा जाता है कि विकसित देशो के लिंग अनुपात अनुकूल होता है। जबकि विकासशील देशो के लिंग अनुपात प्रतिकूल और पिछड़े देशो के संतुलित।

बेहतर आर्थिक स्थिति के कारण विकसित देशो में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित होती है जिससे प्रसव के दौरान स्त्री मृत्युदर नगण्य हो जाता है। आर्थिक स्थिति ठीक होने से पुरुष स्त्री में भेद-भाव भी कम पाया जाता है। जिससे पुरुषो की तुलना में स्त्रियों की मृत्यु कम होती है और लिंग अनुपात अनुकूल होता है।

विकासशील देशो में बेहतर स्वाथ्य सुविधाओं के आभाव में प्रसव के कारण स्त्री मृत्युदर अधिक होता है। इसके साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक भेदभाव के कारण स्त्रियों की मृत्यु अधिक होती है। जिससे इन क्षेत्रो में लिंग अनुपात प्रतिकूल पाया जाता है।

पिछड़े देशो में लोग प्रकृति के ऊपर पूर्ण रूप से निर्भर होते है। जिसके कारण वहां पर स्त्री पुरुष जन्मदर और मृत्युदर समान रूप से चलता है और लिंगानुपात संतुलित होता है।

3. प्रवास

खाड़ी के देश जैसे :- कतर, UAE , सऊदी अरब, ओमान, कुवैत आदि देशो में लिंग अनुपात काफी प्रतिकूल पाया जाता है। जिसका मुख्य कारण प्रवास है। अत्यधिक तेल के उत्पादन से यहां पर बाहर के देशो से प्रवास करके पुरुष लोग ज्यादा आये है जिससे पुरुषो की संख्या स्त्रियों कि संख्या से बहुत अधिक है।

विकासशील देशो में प्रवास के कारण नगरीय क्षेत्रो में लिंगानुपात अधिक एवं ग्रामीण क्षेत्रो में लिंगानुपात कम पाया जाता है। इन क्षेत्रो में पुरुष लोगो का स्थनांतरण रोजगार के लिए नगर की और अधिक होता है। जिसके कारण ऐसी स्थिति उत्तपन्न होती है।

ठीक इसके विपरीत विकसित देशो में महिलाओ का प्रवास नगरों की ओर अधिक होता है। वे रोजगार के लिए नगर की ओर प्रवास करते है। और परुष लोग गाँवो में कृषि करते है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में लिंगानुपात कम (प्रतिकूल) पाया जाता है, जबकि नगरीय क्षेत्रो में लिंगानुपात अधिक (अनुकूल) पाया जाता है।

4. महामारियाँ एवं युद्ध

अगर किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक युद्ध चलता है तो, वहां पुरुषो की संख्या में कमी या जाती है। क्योकि युद्ध के लिए पुरुष ही सैनिक के रूप में भाग लेते है और युद्ध में काफी संख्या में सैनिक मारे जाते है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण रूस देश है। द्वितीय विश्व युद्ध के कारण काफी संख्या में सैनिक मारे गए थे। जिससे वहां का लिंगानुपात प्रतिकूल हो गया था और अभी भी प्रतिकूल ही है।

स्त्री के अपेक्षा पुरुषो में समान्य रूप से प्रतिरोधक क्षमता कम पाया जाता है। अगर स्थिति समान्य है तो स्त्रियों के अपेक्षा पुरुषो का मृत्युदर अधिक होता है। जब महामारी आती है तो सबसे अधिक पुरुष इसके लपेटे में आ जाते है। और पुरुषो के मृत्युदर अधिक होने से लिंगानुपात पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण कोरोना (COVID 19) है।

5. प्रकृतिक कारक

अगर स्थिति समान्य रहे तो, जैविक रूप से देखा जाय तो स्त्रियों के जन्म कि तुलना में पुरुषो का जन्म अधिक होता है। ऐसा कुदरत का देन है। जहाँ किसी निश्चित समय में 100 बालिकाओ का जन्म होता है, वहीं पर 105 – 107 तक बालको का जन्म होता है।

उसी प्रकार मृत्युदर स्त्रियों की तुलना में पुरुषो का अधिक होता है। जिससे लिंग अनुपात अनुकूल होता है। किन्तु ऐसा होता नहीं है। कियोकि पुरुषो का जन्म भी अधिक होता है।

इन दोनों स्थितियों से लिंग अनुपात संतुलित रहता है। ऐसी स्थिति ज़्यदातर उन देशो में देखने को मिलता है जो पिछड़े और प्रकृति द्वारा नियंत्रित होते है।

उपरोक्त कारणों से लिंग अनुपात को अलग अलग आयु वर्गो में निकाला जाता है और लिंग अनुपात भी भिन्न-भिन्न आयु वर्गो में भिन्न-भिन्न पाया जाता है। जैसे शिशु लिंगानुपात , वयस्कों का लिंग अनुपात, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वाले लोगो का लिंग अनुपात।

विश्व में लिंगानुपात का वितरण

विश्व में लिंग अनुपात का वितरण काफी आसमान रूप से है। UN World Population Prospects 2019 के अनुसार 2020 में अनुमानित विश्व का लिंगानुपात 101.7 पुरुष प्रति 100 स्त्रियों पर है।

वहीं नेपाल का लिंगानुपात सबसे अधिक 84.54 परुषो पर 100 स्त्रियाँ है। जबकि सबसे कम कतर देश का है। कतर में 302 पुरुषो पर 100 स्त्रियाँ है।

वहीं भारत का लिंग अनुपात 108.2पुरुष प्रति 100 स्त्रियों पर है। जनगणना 2011के अनुसार भारत के लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषो पर 943 स्त्रियाँ है।

महादेशो के लिंगानुपात

महादेश / विश्व लिंगानुपात
(प्रति 100 स्त्रियों
पर पुरुषो की संख्या)
विश्व 101.7/100
अफ्रीका 99.9/100
एशिया 104.7/100
दक्षिण अमेरिका एवं
कैरेबियन द्वीप
96.8/100
उत्तरी अमेरिका 98.0/100
यूरोप 93.4/100
आस्ट्रेलिया 100.2/100
महादेशो के लिंगानुपात
स्रोत – UN World Population Prospects 2019
विश्व लिंगानुपात 2020 प्रतिसैकडा स्त्री पर पुरुषो की संख्या
स्रोत – Statistics Time लिंगानुपात – प्रतिसैकड़ा स्त्रियों पर पुरुषो की संख्या

सबसे अधिक (अनुकूल) लिंगानुपात वाले देश

क्रम संख्या देश लिंगानुपात
(प्रति 100 स्त्रियों
पर पुरुषो की संख्या)
1.नेपाल 84.54/100
2.हॉंकॉंग 84.77/100
3.कुराकाओ 85.15/100
4.मार्टिनिका 85.17/100
5.लातविया 85.49/100
6.गुआडेलुप 85.61/100
7.लिथुआनिया 86.16/100
8.यूक्रेन 86.33/100
9.रूस संघ 86.39/100
10.बेलारूस 87.11/100
सबसे अधिक(अनुकूल) लिंगानुपात वाला देश
स्रोत – UN World Population Prospects 2019

सबसे अधिक(प्रतिकूल) लिंगानुपात वाला देश

क्रम संख्या देश लिंगानुपात
(प्रति 100 स्त्रियों
पर पुरुषो की संख्या)
1.कतर 302.42/100
2.सं. अरब अमीरात 203.84/100
3.ओमान 194.09/100
4.बहरीन 183.07/100
5.मालदीव173.53/100
6.कुवैत 157.86/100
7.सऊदी अरब 137.11/100
8.विषुवतीय गिनी125.34/100
9.भूटान 113.43/100
10.जिबूती110.65/100
13.भारत 108.2/100
सबसे कम (प्रतिकूल) लिंगानुपात वाला देश
स्रोत – UN World Population Prospects 2019

लिंग अनुपात कम या अधिक का संबंध स्त्रियों की संख्या को कम होना या अधिक होना से है।

अब हमलोग अच्छी तरह से जान गए होंगे की लिंगानुपात क्या है.

4 thoughts on “लिंगानुपात क्या है ?”

      1. This website is very important for students of class 12th and other competition exam.
        I like this website.
        I want to say that to this website holder, you create many blogs on geography & history (important topics).
        Thanks…

Leave a Comment

Scroll to Top