इस लेख के माध्यम से हमलोग यह जानने का प्रयास करेंगे कि, विश्व जनसंख्या दिवस क्या है ? इसका इतिहास क्या है ? 2020 में विश्व जनसंख्या दिवस का क्या विषय-विन्दु (थीम) है ? इसको मनाने का क्या उद्देश्य है ? इसको कैसे मनाते है ? भारत के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है ?
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विश्व जनसंख्या दिवस क्या है ?
यह विश्वभर में बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों (गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण इत्यादि समस्याओं) एवं अनियंत्रित गति से बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से चलाया जानेवाला अंतराष्ट्रीय स्तर का एक जागरूकता कार्यक्रम है।इस जागरूकता कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की शासी परिषद (गवर्निग काउंसिल) के द्वारा सन 1989 ई० में स्थापित किया गया। और इसके लिए 11 जुलाई को नामित किया गया।यह एक अंतराष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रम है जिसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसको मानाने की विधियाँ अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है। इसका मुख्या कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFP) के कार्यालय में विशेष रूप से आयोजित किया जाता है।
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास
जनसंख्या के तत्कालीन मुद्दों और प्रभावों को केंद्रित करते हुए 1989 में संयुक्य राष्ट्र के शासी परिषद (गवर्निग काउंसिल) के द्वारा जनसंख्या दिवस के रूप में 11 जुलाई को स्थापित किया गया। तब से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस दिन का आधार 11 जुलाई 1987 को जाता है। जब विश्व की जनसंख्या 5 अरब को पार कर गई थी इसे “फाइव बिलियन डे” के रूप में मनाया गया था।11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव विश्व बैंक के तत्कालीन वरीय जनसंख्या विद डॉ के. सी. जचारिया ने सुझाया था। जिसे स्वीकृति दी गई।
2020 के विश्व जनसंख्या दिवस का विषय-बिन्दु (थीम)
इस वर्ष (2020) विश्व जनसंख्या दिवस का कोई विशिष्ट विषय-बिंदु (थीम) नहीं है। बल्कि 1994 के काहिरा अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में जनसंख्या और विकास के अधूरे सपने पर विश्व का ध्यान देने का अहवाहन किया गया है। 1994 में आयोजित काहिरा अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मिलित 179 देशो के सरकारों ने एक मत से स्वीकार किया था की सतत विकास को प्राप्त करने के लिए प्रजनन, स्वास्थ, और लैंगिक समानता आवश्यक है।यह कार्यक्रम मूल रूप से परिवार नियोजन, सुरक्षित गर्भावस्था, प्रसव सेवाओं, यौन संचारित संक्रमणो की रोकथाम और उपचार सहित व्यापक प्रजनन स्वास्थ देखभाल पर केंद्रित था। उपरोक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से 12 से 14 नवंबर 2019 को केनिया और डेनमार्क की सरकारों के साथ संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFP) ने एक उच्चस्तरीय सम्मेलन केनिया के राजधानी नैरोबी में आयोजित किया गया था।
नैरोबी अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य बाते
नैरोबी अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में निम्न बातो पर बल दिया गया था।
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, महिलाओ का सशक्तिकरण करना, महिलाओ के अधिकारों को सम्मान देना, गरीबी दूर करने पर जोर देना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना, लोकतांत्रिक शासन पद्धति को और मजबूत करना, शांति और न्यय के क्षेत्र में और काम करना।
- महिलाओ, लड़कियों और युवाओ को उनके शरीरो और जिंदगियों पर खुद का नियंत्रण करने का मौका देना ताकि वे हिंसामुक्त जीवन जी सके।
- कितने बच्चा पैदा करना है, और कब पैदा करना है, बच्चो के जन्म में बीच में कितना अंतर् रखना है। ये सब बाते महिलाओ के मानवाधिकार पर छोड़ देना चाहिए।
- सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वित्तीय तेजी लाने और राजनैतिक रफ्तार बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
- जच्चा और बच्चा के मौत को रोककर शून्य तक लाना चहिए।
नैरोबी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के उपमहासचिव आमिना जे. मोहम्मद ने कहा कि “सभी के लिए एक टिकाव भविष्य का वैश्विक लक्ष्य तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक महिलाओ, लड़कियों और युवाओ को उनके शरीर और जिंदगियों पर खुद का नियंत्रण स्थापित करने का मौका नहीं मिलता।”
2020 विश्व जनसंख्या दिवस मुख्या विषय-बिंदु
11 जुलाई 2020 को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का (UNFP) का मुख्या उद्देश्य निम्न विषय-बिन्दुओ पर आधारित है।
- COVID 19 महामारी के दौरान महिलाओ और लड़कियों की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और कमजोरियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- COVID 19 के कारण दुनिया भर में आपूर्ति शृंखला बाधित हो चुकी है। जिससे गर्भ निरोधकों की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है। और आपेक्षित गर्भावस्था के जोखिम भी बढ़ गई है। यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को दर किनार किया जा रहा है। जिससे लिंग आधारित हिंसा बढ़ रही है।
- UNFP के हाल ही में एक शोध में कहा गया है, कि अगर लॉकडाउन 6 महीना स्वस्थ्य सेवाओं के बड़े बेवधानो के साथ जारी रहता है तो निम्न और मध्यम आय वाले देशो में 4 करोड़ 70 लाख महिलाएँ गर्भ निरोधकों के उपयोग करने से वंचित रह जाएगी। जिससे 70 लाख अनापेक्षित गर्भधारन हो सकता है। और 3 करोड़ 10 लाख लिंग आधारित हिंसा होने का अनुमान लगाया गया है।
- जमीन पर कोविड 19 के कारण UNFP के कार्यक्रमों के विघटन के परिणामस्वरूप महिला जननांग विकृति के 20 लाख मामले बढ़ेंगे।
- 2020 और 2030 के बीच 1 करोड़ 30 लाख बाल विवाह हो सकते है।
- स्कूल बंद होने और वृद्ध लोगो की बढ़ती जरूरतों के परिणाम स्वरूप महिलाओ की अवैतनिक देखभाल का काम भी बढ़ गया है।
- कोरोना महामारी हाशिय के समुदाओ को कठोर बना रही है।
- प्रत्येक देश में कोविड 19 के लिए हमारी प्रतिक्रियां महत्वपूर्ण है। यह निर्धारित करेगा की दुनिया कितने तेजी से आगे बढ़ती है और हम सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करते है या नहीं।
- दुनिया भर के देश महामारी का जबाब कैसे दे रही है।
- तीन शुन्य के लक्ष्य को प्राप्त करना। पहला लिंग आधारित हिंसा को शुन्य करना, दूसरा बाल विवाह को कम करना, तीसरा महिला जननांग विकृति का सामना निम्न करना।
- अनचाहे गर्भधारण कम करना, मातृत्व स्वास्थ पर ध्यान:- प्रसवपूर्व देखभाल, सुरक्षित प्रसव।
- वृद्ध व्यक्तियों की समस्याओ को केंद्रित करना।
- जनगणना में आ रही बाधाओं को कैसे दूर करे इत्यादि शामिल है।
विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाते है ?
संयुक्त राष्ट्र “द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट्स 2019” में अनुमान व्यक्त किया गया है कि 30 वर्षो में विश्व जनसंख्या में 2 अरब लोग की आबादी और जुड़ जाएगी। फिलहाल 2019 में विश्व की जनसंख्या 7 अरब 70 करोड़ है। और 2050 तक यह 9 अरब 50 करोड़ से जयदा हो जाएगी। और 2100 तक विश्व की जनसंख्या 11 अरब हो सकती है। अधिकांश गरीब देशो में जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। जिसके कारण विश्व को विशेषकर गरीब तथा विकासशील देशो में कई चुनौतियाँ पैदा हो सकती है। जैसे गरीबी, भूखमरी, कुपोषण, लिंग आधारित हिंसा, असमानता, शिक्षा, स्वास्थ्य तक पहुंच न होना इत्यादि।इन्ही सारी समस्याओं को उजागर करने के लिए तथा लोगो में इन समस्याओ के प्रति सचेत रहने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।इस जागरूकता दिवस में जनसंख्या के कई मुद्दों के बारे में जानने के लिए, कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए लोगो को बढ़ावा देना, लैंगिक समानता, जच्चा और बच्चा का स्वास्थ, गरीबी, मानवाधिकार, लैंगिक शिक्षा, गर्भनिरोधक दवाइयों का उपयोग, बाल विवाह, यौन संबंधी फैलने वाली बीमारी आदि गंभीर मुद्दों पर विचार रखे जाते है। जिससे लोगो में इन समस्याओ के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है।
विश्व जनसंख्या दिवस कैसे मनाते है ?
बढ़ती जनसंख्या से उतपन्न समस्याओ पर एक साथ कार्य करने के उदेश्य से बड़ी संख्या में लोगो को ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्वविद्यालयो, महाविद्यालयों, विद्यालयों, सरकारी कार्यलयो, गैरसरकारी संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कए जाते है। जैसे:- भाषण, वाद-विवाद, क्वीज, निबंध लेखन, पेंटिग, चित्रकारी प्रतियोगिता, प्रभात फेरी, कविता, नारे, लेक्चर, कार्यशला, गोलमेज चर्चा इत्यादि।प्रेस तथा मीडिया इत्यादि में कई कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है और सभी कार्यक्रमों का मुख्या विषय-बिंदु जनसंख्या से उतपन्न समस्याओ पर केंद्रित होता है।
विश्व जनसंख्या दिवस भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत चीन के बाद विश्व का सबसे जयदा आबादी वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वर्तमान समय 2020 में 1.38 अरब जनसंख्या भारत में निवास करती है। जो की कुल जनसंख्या का लगभग 17.7 प्रतिशत है। भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवां बड़ा देश है। भारत के पास विश्व के लगभग 2.4 प्रतिशत भू-भाग है।भारत में कुल भू भाग का मात्र 2.4 प्रतिशत हिस्सा है, वहीं जनसंख्या का 17.7 प्रतिशत हिस्सा है। जो जनसंख्या और संसाधनों में काफी असंतुलन पैदा करता है। जिससे कई समस्याएं उत्तपन्न होती है।मौजूदा समय में 2050 तक भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि होने का अनुमान संयुक्त राष्ट्र ने जताया है। और भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए 2027 तक विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जायेगा।उपरोक्त आंकड़ों से निष्कर्ष निकलता है, कि भारत में जनसंख्या वृद्धि से कई समस्याओ की बढ़ोतरी हुई है और होगी। जैसे:- गरीबी, भूखमरी, लैंगिक असमानता, शिक्षा स्वस्थ्य की समस्या, बेरोजगारी, संसाधनों की कमी, महँगाई इत्यादि कई समस्याएँ है। जिसके पीछे मुख्य कारण है विशाल जनसंख्या का भार।इन समस्याओ से निपटारा करने का एक मात्र उपाय जनसंख्या वृद्धि को किसी भी हाल में नियंत्रित करना होगा और इसके लिए सबसे अच्छा मंच विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन बड़े पैमाने पर मनाया जाय। ताकि लोगो को जनसंख्या के समस्याओ से रूबरू कराया जा सके या जनसंख्या की समस्याओ से लोगो को अवगत कराया जा सके।सभी संस्थाओं, गांव, पंचायत, ब्लॉक, छोटे-छोटे क्षेत्रीय इकाईयों में सरकारी संस्थानों में, गैरसरकारी संस्थानों के द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करके जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।
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